मकड़ी ने जाला बुना, उसमें फँसे शिकार
![](https://cdn.sahityapedia.com/images/post/eb50286135a2ee03cd95ac769b7a8e79_da418d8b081b5f6da60b8330848907a1_600.jpg)
मकड़ी ने जाला बुना, उसमें फँसे शिकार
पेट कराये पाप सब, ऊँच-नीच संसार
—महावीर उत्तरांचली
मकड़ी ने जाला बुना, उसमें फँसे शिकार
पेट कराये पाप सब, ऊँच-नीच संसार
—महावीर उत्तरांचली