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13 Feb 2017 · 1 min read

***** मंजिलें मेरे कदमों तले ******

मै मंजिलों की तलाश में भटका नहीं बोलो कहां

आज मंजिले मेरे क़दमो तले ढूंढू तो बोलो कहां

मन-मधुप विचलित सा आज तेरे साये को है

काश तेरी-मेरी मंजिलें मिलती तो बोलो कहां।।

?मधुप बैरागी

Language: Hindi
1 Like · 313 Views
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