भूलाया नहीं जा सकता कभी

भूलाया नहीं जा सकता कभी, हो चाहे दूर कितना।
अपना घर,अपनों का प्यार,और वह परिवार अपना।।
भूलाया नहीं जा सकता——————-।।
अपनी कोख से जिसने, हमको जन्म दिया है।
अपने पसीने से जिसने, पालन पोषण किया है।।
बनाया जिसने भविष्य हमारा, छोड़कर सुख अपना।
भूलाया नहीं जा सकता—————–।।
बिताया है हमने बचपन कभी, जिनके साथ में।
हमजोली बनकर खेले हैं कभी, जिनके साथ में।।
सुलाया था हमको गोद में, देकर जिसने प्यार अपना।
भूलाया नहीं जा सकता—————–।।
बहिनों का वह सच्चा प्यार, भाईयों का वह दुलार।
अपने घर मनाये गए, अपनों के साथ में त्यौहार।।
याद बहुत आता है अभी ,बचपन का आंगन अपना।
भूलाया नहीं जा सकता—————–।।
जननी और जन्मभूमि, स्वर्ग से भी बढ़कर है।
आशीर्वाद हमारे बड़ों का, हमारे सिर पर है।।
याद है हमको अभी बचपन के साथी,स्कूल अपना।
भूलाया नहीं जा सकता—————–।।
शिक्षक एवं साहित्यकार-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)