Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Feb 2017 · 1 min read

“भंडारा”

“भंडारा”……एक लघु कथा
******************************************************************************************************************
-सामने वाले मंदिर के भगवान साक्षात हैं सेठ जी ! जो भी मन्नत मांगो तुरंत पूरा करते हैं । देखिये ना ! आज से ठीक एक साल पहले मैंने इसी मंदिर में मन्नत मांगी थी कि एक साल में मेरा सारा कर्ज़ उतर जाये तो मैं यहाँ पर भंडारा करवाऊँगा । चमत्कार हो गया सेठ जी ! एक साल पूरा होने से ठीक एक दिन पहले मेरा सारा कर्ज़ उतर गया । मुझे भंडारा करवाना है सेठ जी ! ये लीजिये भंडारे के सामान की लिस्ट ! यह सामान दे दीजिये !
– कितने पैसे हो गए सेठ जी ? -सामान पैक करवाने के बाद उसने पूछा ।
– पूरे दस हज़ार !
– अच्छी बात सेठ जी ! एक विनती करनी है आपसे !
– बोलो-बोलो ! सेठ जी आवाज़ को ऊंची करते हुए बोले ।
– ये सामान मुझे उधार तो मिल जाएगा ना सेठ जी ! भगवान की कृपा रही तो जल्दी चुका दूंगा !
सेठ जी कभी उसको तो कभी उस मंदिर को देखने लगे ।
******************************************************************************************************************
हरीश लोहुमी, लखनऊ (उ॰प्र॰)

Language: Hindi
697 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

3816.💐 *पूर्णिका* 💐
3816.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
जो हुआ, वह अच्छा ही हुआ
जो हुआ, वह अच्छा ही हुआ
gurudeenverma198
शीर्षक – रेल्वे फाटक
शीर्षक – रेल्वे फाटक
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
राष्ट्रीय एकता और अखंडता
राष्ट्रीय एकता और अखंडता
Rahul Singh
तुम जो हमको छोड़ चले,
तुम जो हमको छोड़ चले,
कृष्णकांत गुर्जर
हंसें और हंसाएँ
हंसें और हंसाएँ
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
*बेचारी जर्सी 【कुंडलिया】*
*बेचारी जर्सी 【कुंडलिया】*
Ravi Prakash
जीवन पर
जीवन पर
Dr fauzia Naseem shad
Trải nghiệm thế giới casino đỉnh cao với hàng ngàn trò chơi
Trải nghiệm thế giới casino đỉnh cao với hàng ngàn trò chơi
Vin88
सोचते सोचते ये शाम भी निकल गयी
सोचते सोचते ये शाम भी निकल गयी
Vansh Agarwal
सखी
सखी
ललकार भारद्वाज
मैं भी भूल जाऊं तुझको तो बता कौन सा है गम...!!
मैं भी भूल जाऊं तुझको तो बता कौन सा है गम...!!
Ravi Betulwala
कृष्ण हो तुम
कृष्ण हो तुम
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
हिंदी भाषा नही,भावों की
हिंदी भाषा नही,भावों की
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
रोहन की समझदारी: एक स्कैम से बचाव की प्रेरणादायक कहानी
रोहन की समझदारी: एक स्कैम से बचाव की प्रेरणादायक कहानी
Bhupendra Rawat
अधूरी प्रीत से....
अधूरी प्रीत से....
sushil sarna
From the fear of trying new things and the disappointment af
From the fear of trying new things and the disappointment af
पूर्वार्थ
पर्वों की सार्थकता
पर्वों की सार्थकता
विशाल शुक्ल
2122 1212 22
2122 1212 22
sushil yadav
मां
मां
Indu Singh
"सावधान"
Dr. Kishan tandon kranti
* सिर पर हाथ**
* सिर पर हाथ**
Dr. P.C. Bisen
मोबाइल
मोबाइल
Punam Pande
Today's Thought
Today's Thought
DR ARUN KUMAR SHASTRI
हद
हद
अश्विनी (विप्र)
न अभिमानी बनो
न अभिमानी बनो
Kaviraag
सच्चाई का रास्ता
सच्चाई का रास्ता
Sunil Maheshwari
अस्तित्व
अस्तित्व
Sudhir srivastava
कबीर क समाजदर्शन
कबीर क समाजदर्शन
Rambali Mishra
एक मैसेज सुबह करते है
एक मैसेज सुबह करते है
शेखर सिंह
Loading...