Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Nov 2022 · 2 min read

बाल कहानी- वादा

*बाल कहानी- वादा*
———-

आम के पेड़ पर एक चिड़िया अपने दो बच्चों के साथ रहती थी। बच्चे अभी काफी छोटे थे इसलिए चिड़िया जब दाने की तलाश में दूर जाती तो बच्चों को समझा-बुझाकर पेड़ पर ही रहने की सलाह देती थी, पर बच्चे बहुत शरारती थे। वे अभी उड़ना नहीं जानते थे, पर फुदक-फुदककर कूदते-उलझते रेंगते हुए या गिरते-पड़ते किसी भी तरह से आस-पास के पेड़ पर चले जाते। जब चिड़िया वापस आती तो बच्चे अक्सर किसी और ही जगह पर या किसी और पेड़ पर ही मिलते थे। ये रोज़ का किस्सा बन गया था। चिडिया समझाते-समझाते थक गई थी, पर बच्चे शरारत से बाज नहीं आते थे।
इनकी शरारतों की वजह से ही चिड़िया ने बच्चों का नाम चंकू, मंकू रखा था।
रोज़ की तरह आज भी चिड़िया भोजन की तलाश में जा रही थी। जाते वक़्त चंकू, मंकू को समझाते हुए बोली-“बच्चों! मेरी वापसी तक अपना खयाल रखना.. ज्यादा दूर न जाना। आस-पास बहुत खतरा है। जब मैं तुम दोनों से दूर भोजन की तालाश में जाती हूँ तो मुझे तुम दोनों की बहुत फिक्र रहती है, पर तुम दोनों मेरी बात मानते ही नहीं हो। अगर मेरे बच्चों तुम्हारे साथ कुछ अनहोनी हो गयी तो मैं पल-भर भी जीवित नहीं रह पाऊँगी।” इतना कहकर चिड़िया की आँख नम हो गयी। होंठ खामोश हो गये।
चंकू, मंकू माँ से चिपट गये और माफ़ी माँगते हुए बोले-,”माँ! अब हम कोई शरारत नहीं करेंगे। आपकी हर बात मानेंगे। हम दोनों लोग घर पर ही रहेंगे। कहीं नहीं जायेंगे। आप रोये नहीं, आप खुशी-खुशी भोजन लेने जायें।
माँ! हम आपसे वादा करते हैं कि हम अब शरारत नहीं करेंगे। हम यहीं पेड़ पर रहेंगे। इधर-उधर कहीं नहीं जायेंगे।”
बच्चों की बात सुनकर चिड़िया खुश हुई। बच्चों पर एतबार कर चिड़िया भोजन की तालाश में गयी और जब वापस आई तो बच्चों को अपनी ही जगह पर देख कर बहुत खुश हुई।

*शिक्षा*
माँ-बाप का कहना मानना हमेशा बच्चे के हित में होता है।

शमा परवीन, बहराइच (उ०प्र०)

Language: Hindi
4 Likes · 1 Comment · 53 Views
You may also like:
ऊँचे जिनके कर्म हैं, ऊँची जिनकी साख।
ऊँचे जिनके कर्म हैं, ऊँची जिनकी साख।
डॉ.सीमा अग्रवाल
✍️तजुर्बों से अधूरे रह जाते
✍️तजुर्बों से अधूरे रह जाते
'अशांत' शेखर
देव प्रबोधिनी एकादशी
देव प्रबोधिनी एकादशी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
💐प्रेम कौतुक-494💐
💐प्रेम कौतुक-494💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
सब्जियों पर लिखी कविता
सब्जियों पर लिखी कविता
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
पत्थर जैसा दिल बना हो जिसका
पत्थर जैसा दिल बना हो जिसका
Ram Krishan Rastogi
अलविदा दिसम्बर
अलविदा दिसम्बर
Dr Archana Gupta
*याद तुम्हारी आती है ( गीत )*
*याद तुम्हारी आती है ( गीत )*
Ravi Prakash
इजहार ए मोहब्बत
इजहार ए मोहब्बत
साहित्य गौरव
सकठ गणेश चतुर्थी
सकठ गणेश चतुर्थी
Satish Srijan
जागो।
जागो।
Anil Mishra Prahari
संत नरसी (नरसिंह) मेहता
संत नरसी (नरसिंह) मेहता
Pravesh Shinde
चरित्र
चरित्र
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
सपनों का शहर
सपनों का शहर
Shekhar Chandra Mitra
कहमुकरी
कहमुकरी
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
ग्रीष्म की तपन
ग्रीष्म की तपन
डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना'
* सूर्य स्तुति *
* सूर्य स्तुति *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
शिकायत लबों पर
शिकायत लबों पर
Dr fauzia Naseem shad
प्रश्चित
प्रश्चित
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
एक दिन तो कभी ऐसे हालात हो
एक दिन तो कभी ऐसे हालात हो
Johnny Ahmed 'क़ैस'
🚩यौवन अतिशय ज्ञान-तेजमय हो, ऐसा विज्ञान चाहिए
🚩यौवन अतिशय ज्ञान-तेजमय हो, ऐसा विज्ञान चाहिए
Pt. Brajesh Kumar Nayak
बेवफा अपनों के लिए/Bewfa apno ke liye
बेवफा अपनों के लिए/Bewfa apno ke liye
Shivraj Anand
“आसमान सँ खसलहूँ आ खजूर पर अटकलहूँ”
“आसमान सँ खसलहूँ आ खजूर पर अटकलहूँ”
DrLakshman Jha Parimal
कौन सी खूबसूरती
कौन सी खूबसूरती
जय लगन कुमार हैप्पी
पिता की पराजय
पिता की पराजय
सूर्यकांत द्विवेदी
स्त्री श्रृंगार
स्त्री श्रृंगार
विजय कुमार अग्रवाल
देश की आज़ादी के लिए अंग्रेजों से लड़ते हुए अपने प्राणों की
देश की आज़ादी के लिए अंग्रेजों से लड़ते हुए अपने...
Shubham Pandey (S P)
"ज़िंदगी जिंदादिली का नाम है, मुर्दादिल क्या खाक़ जीया करते...
Mukul Koushik
करके तो कुछ दिखला ना
करके तो कुछ दिखला ना
कवि दीपक बवेजा
जिंदगी की बेसबब रफ्तार में।
जिंदगी की बेसबब रफ्तार में।
सत्य कुमार प्रेमी
Loading...