बादल बरसे दो घड़ी, उमड़े भाव हजार।
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बादल बरसे दो घड़ी, उमड़े भाव हजार।
तन-मन भीगा बूँद में, सजनी, साजन, प्यार
यानी जीवन में प्रिये, रास रंग अनमोल
जो जीता है प्रेम में, वह जाने त्योहार।।
सूर्यकांत
बादल बरसे दो घड़ी, उमड़े भाव हजार।
तन-मन भीगा बूँद में, सजनी, साजन, प्यार
यानी जीवन में प्रिये, रास रंग अनमोल
जो जीता है प्रेम में, वह जाने त्योहार।।
सूर्यकांत