बदनसीबी कहाँ ले आई है
बदनसीबी कहाँ ले आई है
गम की बारात साथ लाई है
तार जब हों जुड़े हुए दिल के
दूर जाना न,बेवफाई है
कैसे कर पायेंगे विदा बेटी
सोच के फूटती रुलाई है
झूठ प्यारा लगा यहाँ इतना
बात सच की हुई पराई है
अर्चना खो रही है सपनों में
प्रीत सँग हो रही सगाई है
डॉ अर्चना गुप्ता