फांसी के तख्ते से

मंसूर की ललकार है
मेरी शायरी!
कबीर की फटकार है
मेरी शायरी!
इसे सुनना ही पड़ेगा
आख़िर तुम्हें
हर्फ़-ए-सर-ए-दार है
मेरी शायरी!
(सूली पर से दिया गया वक्तव्य)
#कवि #शायर #हल्लाबोल
#विद्रोही #इंकलाब #बगावत
#क्रांतिकारी #कविता #चिंगारी
#राजनीति #सियासत #poetry
#RomanticRebel #अनलहक