. *प्रगीत*
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. प्रगीत
मुझे तुम पसंद हो
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तुझे मैं पसंद हूँ ।
मुझे तुम पसंद हो।
करें प्यार हम यहाँ ।
आनंद ही आनंद हो ।।मुझे तुम ……
सफर हमसफर यहाँ ।
बनेंगे रिश्ता जहाँ ।
खुशनुमा ये जिंदगी ।
न कोई जयचंद हो ।।मुझे तुम ……
सागर की गहराई ।
अंबर की ऊंचाई ।
धरा अपनी प्यारी।
वक्त सा पाबंद हो ।।मुझे तुम ……
खिलती है कलियां ।
महकती है बगिया।
खुशियाँ देते खेदू।
पुरवाई मंद मंद हो ।।मुझे तुम ……
…….✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
01-12-2023शुक्रवार