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25 Feb 2023 · 1 min read

प्यार का रिश्ता

हम देखते हैं ख्वाब भी
वो उसमें भी नुख्स निकाल लेते हैं
कुछ और सुनने से पहले
फिर हम अपनी गलती मान लेते हैं

आते नहीं है मिलने खुद
इल्ज़ाम वो हम पर डाल देते हैं
कुछ कहने से पहले हम
उनका मिजाज़ जान लेते हैं

जानते हैं वो प्यार मेरा
फिर भी कभी डोरे डाल देते हैं
यही तो मज़ा है इश्क़ का
हम भी कभी भाव खा लेते हैं

है मन में थोड़ी उदासी आज
हम पल भर में जान लेते हैं
लाख छुपाए वो मुझसे यारों
हम चेहरा देखकर जान लेते हैं

कब क्या सोचता है वो
अब तो हम ये भी जान लेते हैं
दर्द जो भी होता है उसे
अपने दिल में महसूस कर लेते हैं

होती है जो भी नोक झोंक
हम उसे भी प्यार से सुलझा लेते हैं
जानते हैं पतंग हैं हम इस खेल में
फिर भी कभी खुद को मांझी मान लेते हैं

है मनुष्य गलतियों का पुतला
ये कहकर उनसे माफी मांग लेते हैं
जब करता है वो गुस्सा कभी
हम खुद को ही पुतला मान लेते हैं

है यही तो मज़ा इस रिश्ते का
डांट को भी इसमें हम प्यार मान जाते हैं
हो अगर प्यार सच्चा यारों
महबूब के आंसुओं को भी मोती मान जाते हैं।

Language: Hindi
10 Likes · 2 Comments · 1039 Views
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