पूजा
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पूजा वीणा दायिनी , नमन करे संसार ।
उर नवल ज्ञान दायिनी , बुद्धि देती अपार ।।
बुद्धि देती अपार ,जग माता पद्मासना ।
शारदे हंस वाहिनी , वर दे हमें सुभाषना ।।
कहत ओम कविराय , तुम सम जग में न दूजा ।
ज्ञानी बनें करके , वीणा दायिनी पूजा ।।
ओमप्रकाश भारती ओम्
बालाघाट , मध्य प्रदेश