पहले प्यार का एहसास
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पहले प्यार का एहसास हो जैसे।
सागर को लगी प्यास हो जैसे।
आंखे सपनों के बिन ऐसी हैं
कोई फूल ,उदास हो जैसे।
दर्द देकर ऐसे वो मिलता है
वही एक दर्द शनास हो जैसे।
हाल दीवाने का हुआ है ऐसा
गुम होश हवास हो जैसे।
कुरबते इतनी फिर बड़ी जाना
दूर रह कर भी पास हो जैसे।
सुरिंदर कौर