पहचान

पहचान
असली नकली चेहरा सामने आए ,
मुश्किल काम जब समझ ना पाए।
बाहर कुछ अंदर कुछ और दिखे ,
सीधा सरल स्वभाव जब कठोर व्यवहार बन जाए।
मन की बात को जब हम जान ना पाए,
अरे ओ नादान दिल अच्छे बुरे का भेद न जान पाए।
कौन है असली कौन है नकली चेहरा ,
अंदर छिपे हुए राज को जब हम समझे बिना कैसे बतलाए।
राग द्वेष भरा हुआ मन में तो फिर क्यों ,
ऊपरी दिखावा अच्छे इंसान बन दिखलाए।
सही गलत का निर्णय लेने को ये दिल दिमाग ,
बड़ी मुश्किल में पड़ जाए जब असली चेहरा पहचान ना पाए।
*शशिकला व्यास*