Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Mar 2017 · 1 min read

नूतन नववर्ष सनातन ये….

नूतन नववर्ष सनातन ये…..आदि अनादिकाल से चलित जो है।
भारतवर्ष जिससे सुशोभित है….राजा विक्रमादित्य से नामित जो है।
माँ शक्ति से जिसका आरंभ है…नवरात्र से शुभारंभ जो है।
ऎसे विक्रम संवत् नववर्ष का…स्वागत वंदन ह्रदय से है।।
——————————————————————
वैदिक विक्रम संवत् 2074 एवं नवरात्र पर्व की हार्दिक शुभकामनाये

✍कुछ पंक्तियाँ मेरी कलम से : अरविन्द दाँगी “विकल”

Language: Hindi
Tag: कविता
304 Views
You may also like:
विद्यालय
विद्यालय
श्री रमण 'श्रीपद्'
थिरकते पाँव (बाल कविता)
थिरकते पाँव (बाल कविता)
Ravi Prakash
यह कैसा तुमने जादू मुझपे किया
यह कैसा तुमने जादू मुझपे किया
gurudeenverma198
हिंदी
हिंदी
Satish Srijan
धूप
धूप
Rekha Drolia
सफर में उनके कदम चाहते है।
सफर में उनके कदम चाहते है।
Taj Mohammad
दिव्य काशी
दिव्य काशी
Pooja Singh
यथार्थ से दूर
यथार्थ से दूर "सेवटा की गाथा"
Er.Navaneet R Shandily
एउटा मधेशी ठिटो
एउटा मधेशी ठिटो
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
सवैया /
सवैया /
ईश्वर दयाल गोस्वामी
वर्तमान भी छूट रहा
वर्तमान भी छूट रहा
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
दिवाली पर एक गरीब की इच्छा
दिवाली पर एक गरीब की इच्छा
Ram Krishan Rastogi
लौट आओ तो सही
लौट आओ तो सही
मनोज कर्ण
तुम मुझे बना लो
तुम मुझे बना लो
श्याम सिंह बिष्ट
दिल को कोई फिर
दिल को कोई फिर
Dr fauzia Naseem shad
हमारी
हमारी "डेमोक्रेसी"
*Author प्रणय प्रभात*
गुलामगिरी
गुलामगिरी
Shekhar Chandra Mitra
बगिया का गुलाब प्यारा...
बगिया का गुलाब प्यारा...
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
I want to find you in my depth,
I want to find you in my depth,
Sakshi Tripathi
चाहत
चाहत
Shyam Sundar Subramanian
पहली दफा
पहली दफा
जय लगन कुमार हैप्पी
आहटें तेरे एहसास की हवाओं के साथ चली आती हैं,
आहटें तेरे एहसास की हवाओं के साथ चली आती हैं,
Manisha Manjari
-- मृत्यु जबकि अटल है --
-- मृत्यु जबकि अटल है --
गायक और लेखक अजीत कुमार तलवार
गजल
गजल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
'बुद्ध' ने दिया आम्रपाली को ज्ञान ।
'बुद्ध' ने दिया आम्रपाली को ज्ञान ।
Buddha Prakash
क्या हार जीत समझूँ
क्या हार जीत समझूँ
सूर्यकांत द्विवेदी
☀️☀️मैं ग़र चाँद हूँ तो तुम्हें चाँदनी कह दूँ☀️☀️
☀️☀️मैं ग़र चाँद हूँ तो तुम्हें चाँदनी कह दूँ☀️☀️
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
जिस तरह फूल अपनी खुशबू नहीं छोड सकता
जिस तरह फूल अपनी खुशबू नहीं छोड सकता
shabina. Naaz
" मेरी सजगता "
DrLakshman Jha Parimal
दास्तां-ए-दर्द
दास्तां-ए-दर्द
Seema 'Tu hai na'
Loading...