— नसीहत —
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आज के युग में अगर किसी को सही सलाह देने लगो, तो वो उस को बेवक़ूफ़ ही समझता है, जिस काम में नुक्सान होगा, आज का प्राणी उस तरफ सब से ज्यादा ही जाता है, जब उनको खुद लगता है, कि सच में नुक्सान हो रहा है, तब शायद उस को समझ आती है, परन्तु तब तक बहुत ज्यादा देर हो चुकी होती है ! मैं यह भी नहीं कहूंगा, कि सब एक जैसे होंगे, पर ज्यादातर ऐसे ही दिखेंगे, जैसा लिखा गया है !!
ऐसा ही हम आजकल देखते है, लोग जरुरत से ज्यादा ही बीमार पड़ रहे हैं, ऐसा लगता है जैसे आज हर घर ही एक छोटा अस्पताल बन चुका है, शायद कोइ घर ऐसा बचा होगा, जहाँ पर एक दवा का डिब्बा मौजूद नहीं होगा, जीवन रक्षक दवा मौजूद नहीं होगी, इसका जो कारण है, उस तरफ ध्यान न देकर लोग खुद बिमारिओं को दावत देने के लिए फास्ट फ़ूड खाकर बीमार हो रहे हैं !
आपको क्या मालूम कि जिस जगह आप बैठकर फास्ट फ़ूड खाने के लिए बैठे हैं, वहां किस स्तर की चीजों का इस्तेमाल किया गया होगा, किस तरह के तेल का , किस तरह की सब्जिओं का, किस तरह की साफ़ सफाई का ध्यान दिया गया है, उस सामने वाले ने अपने हाथ भी धोये हैं, या बिना हाथ धोये आपके लिए सामान तैयार कर रहा है, या जो प्लेट में भेजा गया है वो ताजा भी है या नहीं, जब तक आप जागरूक नहीं होंगे तब तक आप अपने शरीर के साथ धोखा करते रहेंगे !!
आज बाजार में लूट सब से ज्यादा है, इतनी ज्यादा है, कि वो अपनी लागत से कहीं ज्यादा कमा रहे है, उस के बाद भी आप तक शुद्धता को नहीं परोस रहे हैं , फ्रीज में रखा हुआ बासी भोजन भी तरीके से गर्म कर के , चटपटा मसाला, तड़का लगाकर आपको खिला देंगे, अपना वो जरा सा भी व्यर्थ नहीं करेंगे, भला ही आपके दिए पैसे व्यर्थ चले जाएँ, उनको आपकी सेहत से कुछ नहीं लेना देना , उनको अपनी कमाई को देखना है !!
मोटापा, थायराइड, गैस , जलन (एसिडिटी) ,अपच, जोड़ों में दर्द, लीवर कमजोर, आँखों की रौशनी कमजोर, माइग्रेन, गुर्दा रोग, पथरी , अनगिनत बिमारिओं की वजह से छोटी छोटी आयु के बच्चे ग्रस्त हैं, जो बीमारी किसी समय में 40 या 50 वर्ष में हुआ करती थी, वो आजकल बच्चे के पैदा होते ही हो रही हैं, इन सब के पीछे हम सब का अपना ही हाथ है, घर के खाने को छोड़कर जब दूसरे होटल, ढाबे, रेस्टोरेंट के लिए अच्छी कमाई के लिए आप खुद सहयोगी हो रहे हो, तो उस में उनका क्या दोष, दोष आपका है, आप अपने आलस्य में रहकर, उनको आर्डर कर रहे हो, वो तो 2 मिनट में ही आपको लाकर दे देंगे !!
अपने आपको सेहत मंद रखने के लिए, खुद ही कठोर कदम उठाने पड़ेंगे , अन्यथा अस्पताल , मेडिकल स्टोर्स , मरीजों की संख्या बढ़ती चली जायेगी , अपने बच्चों का भविष्य बनाना आपके हाथ हैं, इस लेख के माध्यम से मेरी तरफ से यह छोटी सी नसीहत है, अगर अच्छी लगे तो अपने विचार जरूर प्रतुत कीजिये.!!
अजीत कुमार तलवार
मेरठ