Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Mar 2017 · 1 min read

नचा रही हमको भैया, भारत की सरकार रे

नचा रही है हमको भैया,
भारत की सरकार रे|
तड़पा तड़पा करके भैया ,
देखो रही है मार रे||

कभी नचाती दिनभर भैया,
रात को करती बार रे|
कभी कभी खाना दे करके,
पेट मे मारे कटार रे||

नये नये नियम बनाके भैया
जनता को करती हलाल रे|
जयी कारण से भैया सुनलो,
अफसर नेता दलाल रे||

अपना पैसा अपना नाही,
बैंक मे लम्बी कतार रे|
जुल्म हजारो करते हम पर
कहते करते प्यार रे||

भारत माता तड़प रही है,
कृष्णा करो विचार रे|
नचा रही हमको भैया
भारत की सरकार रे||
✍कृष्णकांत गुर्जर

Language: Hindi
6 Likes · 922 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

4311.💐 *पूर्णिका* 💐
4311.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
हे! प्रभु आनंद-दाता (प्रार्थना)
हे! प्रभु आनंद-दाता (प्रार्थना)
Indu Singh
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Phool gufran
"बकरी"
Dr. Kishan tandon kranti
एक थी नदी
एक थी नदी
सोनू हंस
कभी - कभी मै अतीत में खो जाती हूं
कभी - कभी मै अतीत में खो जाती हूं
Anamika Tiwari 'annpurna '
ये मुख़्तसर हयात है
ये मुख़्तसर हयात है
Dr fauzia Naseem shad
परिहास
परिहास
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
जिंदगी
जिंदगी
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
मुझे ढूंढते ढूंढते थक गई है तन्हाइयां मेरी,
मुझे ढूंढते ढूंढते थक गई है तन्हाइयां मेरी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
DR Arun Kumar shastri एक अबोध बालक
DR Arun Kumar shastri एक अबोध बालक
DR ARUN KUMAR SHASTRI
नवनिधि क्षणिकाएँ---
नवनिधि क्षणिकाएँ---
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
बचपन और गांव
बचपन और गांव
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
फितरत के रंग
फितरत के रंग
प्रदीप कुमार गुप्ता
भूल गए हैं
भूल गए हैं
आशा शैली
श्रमिक
श्रमिक
Dr. Bharati Varma Bourai
इज़हार करके देखो
इज़हार करके देखो
Surinder blackpen
Where is love?
Where is love?
Otteri Selvakumar
मातम
मातम
D.N. Jha
नदी की तीव्र धारा है चले आओ चले आओ।
नदी की तीव्र धारा है चले आओ चले आओ।
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
*पुस्तक समीक्षा*
*पुस्तक समीक्षा*
Ravi Prakash
आंखो के सपने और ख्वाब
आंखो के सपने और ख्वाब
Akash RC Sharma
।।अथ श्री सत्यनारायण कथा चतुर्थ अध्याय।।
।।अथ श्री सत्यनारायण कथा चतुर्थ अध्याय।।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
झलक को दिखाकर सतना नहीं ।
झलक को दिखाकर सतना नहीं ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
दगा बाज़ आसूं
दगा बाज़ आसूं
Surya Barman
#ALLERT-
#ALLERT-
*प्रणय प्रभात*
बुद्ध पूर्णिमा एक संतुलित जीवन का संदेश
बुद्ध पूर्णिमा एक संतुलित जीवन का संदेश
Mukesh sharma
समुन्दर से भी गंगाजल निकलेगा
समुन्दर से भी गंगाजल निकलेगा
विजय कुमार अग्रवाल
प्रेम वो नहीं
प्रेम वो नहीं
हिमांशु Kulshrestha
बंदिशे
बंदिशे
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
Loading...