“नंगे पाँव”
![](https://cdn.sahityapedia.com/images/post/09e1e748a76507e3bde70b3f026df3aa_bdb591a45a3ecf0d5588ce589df88d8c_600.jpg)
“नंगे पाँव”
नंगे पाँव चलता हूँ, जीवन के सफर में,
नंगे बदन चलता हूँ, कपड़े नही है तन में।
रास्तों पर खड़ा, मैं खो जाता हूँ खुद में,
नंगे पाँव चलता हूँ ,सच्चे आत्मा की खोज में।
कभी कांपता हूँ ठंड में, कभी जलता हूँ गर्मी में,
नंगे पाँव चलता हूँ, जीवन के हर मौसम में।
मेरी आँखों में सपने, मेरे दिल में उम्मीद,
नंगे पाँव चलता हूँ, गाते हुए जीवन के गीत।।
पुष्पराज फूलदास अनंत