Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 May 2023 · 1 min read

भारत

आओ बच्चों तुमको आज भारत माँ की व्यथा बताते है!
बारम्बार हुआ जो अंग-भंग,उसकी ही कथा सुनाते है !!
चन्द्रगुप्त मौर्य काल मे अफगानिस्तान से ब्रह्मदेश तक,
भारतीय सनातन संस्कृति की धर्म धव्जा लहराती थी!
मंगोल शासक इसको सोने की चिडिया कहते न थकते,
जिसको लूटने को सदा ,उनकी जिव्हा लपलपाती थी!!
मुहम्मद गौरी और गज़नवी ने सैकडो बार हमला कर,
लूटा- खसूटा और हिन्दू संस्कृति,औ नर- संघार किया !
सौ-सौ बार मरी है मा की ममता जब उसके लालो ने,
उसका कर्ज चुकाए बिन विदेशी शासन स्वीकार किया!!
मंगोल चंगेज़ खान के वंशज बाबर ने 1526 मे भारत पर
आक्रमण किया और हिन्दुओ ने अपनी अस्मत खोई!
विस्तारवाद धार्मिक शोषण की परिणति पर विलाप कर,
भारत मा सनातन-संस्कृति-संघार पर,फूट-फूट के रोई!!
1699 अंग्रेजो ने ईस्ट इन्डिया कम्पनी व्यापार प्रसार के
लिए कलकत्ता से दिल्ली तक अपने पैर पसारने शुरु किए!
छोटे-छोटे राजाओ को दे वचन सुरछा,उनको लूटा खसूटा!
और शनै शनै ब्रिटिश साम्राज्य ने उन पर कब्जा कर लिए!!
‘बाटो और राज करो ‘ उनकी शासन नीति का हिस्सा थी!
1876 मे 1904 मे नेपाल ,1906 मे भूटान अलग किया!
1914 मे तिब्बत औ 1917 मे ब्रह्मदेश का किस्सा थी!!
और फिर आया विश्ववास घात का काला दिन 14 अगस्त1947
जब चंद पदलोलुप अंग्रेजी चाटुकारो ने देश विभाजन दंश दिया!
विदेशो मे पले-पढे बैरिस्टरो ने भारत मा को धरती का टुकडा मान
धर्म आधारित पूर्वी -पश्चिम पाकिस्तान मे मा को ही बाट लिया!!

Language: Hindi
14 Views
You may also like:
ऐसी ही है मेरी मोहब्बत
ऐसी ही है मेरी मोहब्बत
gurudeenverma198
याद तो हैं ना.…...
याद तो हैं ना.…...
Dr Manju Saini
*चलेगा पर्वतों से जल,तपस्या सीख लो करना (मुक्तक)*
*चलेगा पर्वतों से जल,तपस्या सीख लो करना (मुक्तक)*
Ravi Prakash
पिता बच्चों का सम्पूर्ण इतिहाश है
पिता बच्चों का सम्पूर्ण इतिहाश है
कवि आशीष सिंह"अभ्यंत
धूल
धूल
नन्दलाल सुथार "राही"
*देना इतना आसान नहीं है*
*देना इतना आसान नहीं है*
Seema Verma
We can not judge in our life ,
We can not judge in our life ,
Sakshi Tripathi
My Expressions
My Expressions
Shyam Sundar Subramanian
💐प्रेम कौतुक-187💐
💐प्रेम कौतुक-187💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
बैसाखी....
बैसाखी....
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
दिन भी बहके से हुए रातें आवारा हो गईं।
दिन भी बहके से हुए रातें आवारा हो गईं।
सत्य कुमार प्रेमी
नवयौवना
नवयौवना
लक्ष्मी सिंह
माँ
माँ
Sidhartha Mishra
दिनांक - २१/५/२०२३
दिनांक - २१/५/२०२३
संजीव शुक्ल 'सचिन'
कहां छुपाऊं तुम्हें
कहां छुपाऊं तुम्हें
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
दिसम्बर की रातों ने बदल दिया कैलेंडर /लवकुश यादव
दिसम्बर की रातों ने बदल दिया कैलेंडर /लवकुश यादव "अज़ल"
लवकुश यादव "अज़ल"
गंदा हो रहा।
गंदा हो रहा।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
रिश्ते सम्भालन् राखियो, रिश्तें काँची डोर समान।
रिश्ते सम्भालन् राखियो, रिश्तें काँची डोर समान।
Anil chobisa
"मेरी मसरूफ़ियत
*Author प्रणय प्रभात*
★जब वो रूठ कर हमसे कतराने लगे★
★जब वो रूठ कर हमसे कतराने लगे★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
दृश्य
दृश्य
Dr. Rajiv
फागुन कि फुहार रफ्ता रफ्ता
फागुन कि फुहार रफ्ता रफ्ता
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
जिंदा है धर्म स्त्री से ही
जिंदा है धर्म स्त्री से ही
श्याम सिंह बिष्ट
*हनुमान जी*
*हनुमान जी*
Shashi kala vyas
रैन बसेरा
रैन बसेरा
Shekhar Chandra Mitra
महाकविः तुलसीदासः अवदत्, यशः, काव्यं, धनं च जीवने एव सार्थकं
महाकविः तुलसीदासः अवदत्, यशः, काव्यं, धनं च जीवने एव सार्थकं
AmanTv Editor In Chief
तेरे हक़ में ही
तेरे हक़ में ही
Dr fauzia Naseem shad
धूर्ततापूर्ण कीजिए,
धूर्ततापूर्ण कीजिए,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
"शून्य-दशमलव"
Dr. Kishan tandon kranti
माँ से बढ़कर नहीं है कोई
माँ से बढ़कर नहीं है कोई
जगदीश लववंशी
Loading...