Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Feb 2023 · 1 min read

दो मुक्तक

दो मुक्तक
****************
(()))
किसको पता कब जिंदगी की, डायरी भर
जाएगी
शाम जब होगी तो चिड़िया, लौटकर घर
जाएगी
सबसे सरल है साँस लेना, और लेकर छोड़ना
किसको पता कठिनाई, इसमें भी कभी पड़
जाएगी
((()))
सामान सौ बरसों का जो, जोड़ा पड़ा रह
जाएगा
चातुर्य जीवन का धरा पर, ही धरा रह जाएगा
सबको यहाँ पर सिर्फ गिनती की ही हैं साँसे
मिलीं
पूरी हुईं जिस दिन, घड़ा साँसों-भरा रह
जाएगा
*******************************
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 99976 15451

Language: Hindi
43 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

Books from Ravi Prakash

You may also like:
ग़ज़ल
ग़ज़ल
प्रीतम श्रावस्तवी
नई शिक्षा
नई शिक्षा
अंजनीत निज्जर
सोशलमीडिया की दोस्ती
सोशलमीडिया की दोस्ती
लक्ष्मी सिंह
एहसासों से हो जिंदा
एहसासों से हो जिंदा
Buddha Prakash
आती है लाज
आती है लाज
Shekhar Chandra Mitra
Few incomplete wishes💔
Few incomplete wishes💔
Vandana maurya
*नव संवत्सर आया नभ में, वायु गीत है गाती ( मुक्तक )*
*नव संवत्सर आया नभ में, वायु गीत है गाती ( मुक्तक )*
Ravi Prakash
गांव
गांव
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
Happy Holi
Happy Holi
अनिल अहिरवार"अबीर"
✴️✳️हर्ज़ नहीं है मुख़्तसर मुलाकात पर✳️✴️
✴️✳️हर्ज़ नहीं है मुख़्तसर मुलाकात पर✳️✴️
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
2229.
2229.
Dr.Khedu Bharti
हिंदी
हिंदी
नन्दलाल सुथार "राही"
अभी गहन है रात.......
अभी गहन है रात.......
Parvat Singh Rajput
बहुत कुछ अधूरा रह जाता है ज़िन्दगी में
बहुत कुछ अधूरा रह जाता है ज़िन्दगी में
शिव प्रताप लोधी
@ranjeetkrshukla
@ranjeetkrshukla
Ranjeet Kumar Shukla
~~बस यूँ ही~~
~~बस यूँ ही~~
Dr Manju Saini
इंसानियत की
इंसानियत की
Dr fauzia Naseem shad
भक्त गोरा कुम्हार
भक्त गोरा कुम्हार
Pravesh Shinde
*
*"गंगा"*
Shashi kala vyas
महादेव
महादेव
C.K. Soni
खुद की तलाश में मन
खुद की तलाश में मन
Surinder blackpen
Kabhi kabhi har baat se fark padhta hai mujhe
Kabhi kabhi har baat se fark padhta hai mujhe
Roshni Prajapati
"दौर वो अब से जुदा था
*Author प्रणय प्रभात*
"तुम्हारे रहने से"
Dr. Kishan tandon kranti
नानी की कहानी होती,
नानी की कहानी होती,
Satish Srijan
फूलों की व्यथा
फूलों की व्यथा
Chunnu Lal Gupta
रहे हरदम यही मंजर
रहे हरदम यही मंजर
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
श्रद्धांजलि
श्रद्धांजलि
Arti Bhadauria
मेरी दोस्ती मेरा प्यार
मेरी दोस्ती मेरा प्यार
Ram Krishan Rastogi
मुस्कुराते रहो
मुस्कुराते रहो
Basant Bhagwan Roy
Loading...