दोहे-*
![](https://cdn.sahityapedia.com/images/post/823fec00a56194239fd84c361498265f_d8a07ec35be2641cf57facb55147878c_600.jpg)
दोहे-*
कभी सत्य के पक्ष में,देना नहीं बयान।
हो जाएगी ज़िन्दगी,खुशियों से वीरान।।
—
छँटते जीवन से तभी ,छाए दुख के मेह।
जब रहती है परस्पर,सन्मति पसरी गेह।।
डाॅ बिपिन पाण्डेय
दोहे-*
कभी सत्य के पक्ष में,देना नहीं बयान।
हो जाएगी ज़िन्दगी,खुशियों से वीरान।।
—
छँटते जीवन से तभी ,छाए दुख के मेह।
जब रहती है परस्पर,सन्मति पसरी गेह।।
डाॅ बिपिन पाण्डेय