देश हमर अछि श्रेष्ठ जगत मे ,सबकेँ अछि सम्मान एतय !
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देश हमर अछि श्रेष्ठ जगत मे ,सबकेँ अछि सम्मान एतय !
धर्म ,जाति आ सभ्यता ,संस्कृति सबकेँ समुचित मान एतय !!
जूनि इरषे नागड़ि कटबाऊ अपन छवि केँ सुधारि लिय !
भारत भूमि केँ दिव्य बनाऊ सबकेँ हृदय मे उतारि लिय !!
@ परिमल