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1 Oct 2022 · 1 min read

*दृश्य पर आधारित कविता*

*दृश्य पर आधारित कविता*
“”””””””””””””””””””””””””””””””‘””””””””””””””
एक युवती केश खोले हुए छज्जे पर बैठी है। लगता है कि कूदने ही वाली है ।
इस दृश्य पर आधारित मेरी कविता(कुंडलिया) इस प्रकार है :-
“”””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””

*रवि प्रकाश*

मरना मत नवयौवना , खोले अपने केश
छज्जे से लटकी प्रिये ,क्या है तुमको क्लेश
क्या है तुमको क्लेश ,दीखती क्यों दुखियारी
ब्वॉयफ्रेंड ने छोड़ ,दिया क्या यह लाचारी
कहते रवि कविराय ,आत्महत्या मत करना
करो शुरू फिर प्रेम ,करो कैंसिल अब मरना
“””””””””””””””””””””””””””””””””””””'””””””””””
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451
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107 Views

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