सोना बोलो है कहाँ, बोला मुझसे चोर।
शिव सबके आराध्य हैं, रावण हो या राम।
जिंदगी मुस्कुराती थी कभी, दरख़्तों की निगेहबानी में, और थाम लेता था वो हाथ मेरा, हर एक परेशानी में।
माॅं लाख मनाए खैर मगर, बकरे को बचा न पाती है।
*आया भैया दूज का, पावन यह त्यौहार (कुंडलिया)*
सत्य से सबका परिचय कराएं आओ कुछ ऐसा करें
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
सावन
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
ऐसे हंसते रहो(बाल दिवस पर)
गुमशुदा लोग
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
-- आधे की हकदार पत्नी --
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार