Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Dec 2022 · 1 min read

दिल के टूटने की सदाओं से वादियों को गुंजाती हैं, क्यूँकि खुशियाँ कहाँ मेरे मुक़द्दर को रास आती है।

कभी लबों पे दुआएं आने से डर जाती हैं,
जैसे रात सुबह की आहट से थम जाती है।
तुझे पाने की आरज़ू, सुकूं साँसों में लाती है,
पर हक़ीक़त में ये दूरी, ख़ौफ़ज़दा कर जाती है।
ख़्वाब ये जहन में, नए सफर का साथ लाती है,
फिर उन राहों के गुम होने का, भ्रम भी फैलाती है।
दिल के टूटने की सदाओं से वादियों को गुंजाती हैं,
क्यूँकि खुशियाँ कहाँ मेरे मुक़द्दर को रास आती है।
बेबजह ये दर्द फिर आँखों से बरस जाती है,
और अंधेरों में वो रौशनी कहीं दूर मुस्कुराती है।
बंधने को मेरे हर पल में, वो मीलों का सफ़र कर आती है,
और लम्हों के हर पल को तोड़ कर जीत जाती है।
ख़्वाब की हर ताबीर को, वो धड़कनें नयी दे जाती है,
और धुंधली तस्वीरों को नए रंगों में रंगती नज़र आती है।
साया बनकर साथ वो खामोशी से निभा जाती है,
इनायतें क़िस्मत की कुछ ऐसे हीं बरस जाती हैं।
घरौंदे सपनों के ये साथ मिलकर बनाती है,
पर संग रहने का ख़्याल, अधूरे ख़्वाब की तरह आँखें भींगा कर जाती है।

2 Likes · 75 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

Books from Manisha Manjari

You may also like:
क्यों नहीं बदल सका मैं, यह शौक अपना
क्यों नहीं बदल सका मैं, यह शौक अपना
gurudeenverma198
किताबें भी बिल्कुल मेरी तरह हैं
किताबें भी बिल्कुल मेरी तरह हैं
Vivek Pandey
*कड़वाहट केवल ज़ुबान का स्वाद ही नहीं बिगाड़ती है..... यह आव
*कड़वाहट केवल ज़ुबान का स्वाद ही नहीं बिगाड़ती है..... यह आव
Seema Verma
*बीमारी न छुपाओ*
*बीमारी न छुपाओ*
Dushyant Kumar
विद्या-मन्दिर अब बाजार हो गया!
विद्या-मन्दिर अब बाजार हो गया!
Bodhisatva kastooriya
भक्त कवि श्रीजयदेव
भक्त कवि श्रीजयदेव
Pravesh Shinde
आने वाला कल दुनिया में, मुसीबतों का पल होगा
आने वाला कल दुनिया में, मुसीबतों का पल होगा
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
2258.
2258.
Dr.Khedu Bharti
अधूरे ख़्वाब की जैसे
अधूरे ख़्वाब की जैसे
Dr fauzia Naseem shad
माता  रानी  का लगा, है सुंदर  दरबार।
माता रानी का लगा, है सुंदर दरबार।
Abhishek Shrivastava "Shivaji"
मां होती है
मां होती है
Seema gupta,Alwar
*जनता को कर नमस्कार, जेलों में जाते नेताजी(हिंदी गजल/ गीतिका
*जनता को कर नमस्कार, जेलों में जाते नेताजी(हिंदी गजल/ गीतिका
Ravi Prakash
राह देखेंगे तेरी इख़्तिताम की हद तक,
राह देखेंगे तेरी इख़्तिताम की हद तक,
Neelam Sharma
बुद्ध वचन सुन लो
बुद्ध वचन सुन लो
Buddha Prakash
💐प्रेम कौतुक-361💐
💐प्रेम कौतुक-361💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
ग़ज़ल/नज़्म: सोचता हूँ कि आग की तरहाँ खबर फ़ैलाई जाए
ग़ज़ल/नज़्म: सोचता हूँ कि आग की तरहाँ खबर फ़ैलाई जाए
अनिल कुमार
कितना अच्छा है मुस्कुराते हुए चले जाना
कितना अच्छा है मुस्कुराते हुए चले जाना
Rohit yadav
परमात्मा से अरदास
परमात्मा से अरदास
Rajni kapoor
प्रणय 2
प्रणय 2
Ankita Patel
ज़हर ही ज़हर है और जीना भी है,
ज़हर ही ज़हर है और जीना भी है,
Dr. Rajiv
हमने यूं ही नहीं मुड़ने का फैसला किया था
हमने यूं ही नहीं मुड़ने का फैसला किया था
कवि दीपक बवेजा
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
तेरी मिट्टी के लिए अपने कुएँ से पानी बहाया है
तेरी मिट्टी के लिए अपने कुएँ से पानी बहाया है
'अशांत' शेखर
फिरकापरस्ती
फिरकापरस्ती
Shekhar Chandra Mitra
मिल ही जाते हैं
मिल ही जाते हैं
Surinder blackpen
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Jitendra Kumar Noor
अब की बार पत्थर का बनाना ए खुदा
अब की बार पत्थर का बनाना ए खुदा
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
किसी की परख
किसी की परख
*Author प्रणय प्रभात*
'पिता'
'पिता'
पंकज कुमार कर्ण
वो लड़की
वो लड़की
Kunal Kanth
Loading...