दिल की भाषा
![](https://cdn.sahityapedia.com/images/post/204f37f5f45c4457161c627e3158f677_3e87e46554fb8927378bdd0acdee9ae3_600.jpg)
पत्थर जैसा दिल बना हो जिसका,
वह कोमल दिल की भाषा क्या जाने ?
रस विहीन हृदय हो जिस व्यक्ति का,
वह प्रेम प्यार की परिभाषा क्या जाने ?
जीवन रहा सदैव हो नीरस जिसका,
वह मधुमास की परिभाषा क्या जाने ?
जीवन में रही सदैव निराशा जिसके,
वह आशा की किरणों को क्या जाने ?
अंधकारमय जीवन रहा पूरा जिसका,
वह सूरज की किरणों को क्या जाने ?
मिला नही जीवन में कही प्यार जिसे,
वह प्यार की परिभाषा को क्या जाने ?
सोने में बीत गया पूरा जीवन जिसका,
वह सुबह की सैर का सुख क्या जाने ?
आर के रस्तोगी गुरुग्राम