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12 Oct 2022 · 1 min read

दास्तां-ए-दर्द

दास्तां-ए-दर्द

कुछ ना मांगा तो, बेचारी बता दिया.
गलती से कुछ मांग लिया तो, तोहमतो का सिलसिला लगा दिया।
सारा सच यही है या आगे भी कुछ कड़ी है,
वह तो बस चली है, गिरी है, उठी है, पर आज भी कटघरे में खड़ी है ।।

#seematuhaina

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