Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Feb 2023 · 1 min read

दान देने के पश्चात उसका गान , दान की महत्ता को कम ही नहीं

दान देने के पश्चात उसका गान , दान की महत्ता को कम ही नहीं अपितु सर्वथा नष्ट कर देता है ।
क्योंकि जो दिया , और जिसे दिया वह तो उसी का था ।
” आप केवल निमित्त मात्र हैं । ”

सीमा वर्मा

71 Views
Join our official announcements group on Whatsapp & get all the major updates from Sahityapedia directly on Whatsapp.

Books from Seema Verma

You may also like:
लो सत्ता बिक गई
लो सत्ता बिक गई
साहित्य गौरव
1...
1...
Kumud Srivastava
" भुला दिया उस तस्वीर को "
Aarti sirsat
गीत
गीत
Kanchan Khanna
पत्रकारों को पत्रकार के ही भाषा में जवाब दिया जा सकता है । प
पत्रकारों को पत्रकार के ही भाषा में जवाब दिया जा सकता है । प
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
💐प्रेम कौतुक-244💐
💐प्रेम कौतुक-244💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
ताप
ताप
नन्दलाल सुथार "राही"
मेरा जो प्रश्न है उसका जवाब है कि नहीं।
मेरा जो प्रश्न है उसका जवाब है कि नहीं।
सत्य कुमार प्रेमी
2327.पूर्णिका
2327.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
मुझे भी आकाश में उड़ने को मिले पर
मुझे भी आकाश में उड़ने को मिले पर
Charu Mitra
या' रब तेरे जहान के
या' रब तेरे जहान के
Dr fauzia Naseem shad
जय जय जय जय बुद्ध महान ।
जय जय जय जय बुद्ध महान ।
Buddha Prakash
आप देखिएगा...
आप देखिएगा...
*Author प्रणय प्रभात*
मत जला जिंदगी मजबूर हो जाऊंगा मैं ,
मत जला जिंदगी मजबूर हो जाऊंगा मैं ,
कवि दीपक बवेजा
अजब-गजब इन्सान...
अजब-गजब इन्सान...
डॉ.सीमा अग्रवाल
काग़ज़ ना कोई क़लम,
काग़ज़ ना कोई क़लम,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
जमाना नहीं शराफ़त का (सामायिक कविता)
जमाना नहीं शराफ़त का (सामायिक कविता)
Dr. Kishan Karigar
लेखनी
लेखनी
Prakash Chandra
उस सावन के इंतजार में कितने पतझड़ बीत गए
उस सावन के इंतजार में कितने पतझड़ बीत गए
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
लबो पे तबस्सुम निगाहों में बिजली,
लबो पे तबस्सुम निगाहों में बिजली,
Vishal babu (vishu)
रौशनी अकूत अंदर,
रौशनी अकूत अंदर,
Satish Srijan
"मेरा गलत फैसला"
Dr Meenu Poonia
घुटता है दम
घुटता है दम
Shekhar Chandra Mitra
हमारा सब्र तो देखो
हमारा सब्र तो देखो
Surinder blackpen
हे री सखी मत डाल अब इतना रंग गुलाल
हे री सखी मत डाल अब इतना रंग गुलाल
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
वर दें हे मॉं शारदा, आए सच्चा ज्ञान (कुंडलिया)
वर दें हे मॉं शारदा, आए सच्चा ज्ञान (कुंडलिया)
Ravi Prakash
यादें
यादें
Versha Varshney
*
*"नमामि देवी नर्मदे"*
Shashi kala vyas
हवाओं पर कोई कहानी लिखूं,
हवाओं पर कोई कहानी लिखूं,
AJAY AMITABH SUMAN
पशु पक्षियों
पशु पक्षियों
Surya Barman
Loading...