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5 Feb 2023 · 1 min read

*दबाए मुँह में तम्बाकू, ये पीकें थूके जाते हैं (हास्य मुक्तक)*

*दबाए मुँह में तम्बाकू, ये पीकें थूके जाते हैं (हास्य मुक्तक)*
_________________________
दबाए मुँह में तम्बाकू, ये पीकें थूके जाते हैं
जहाँ भी देखिए हर एक, कोना ये सजाते हैं
जहाँ बैठे वहीं पर पीक, निर्भयता से थूकेंगे
न घर-बाहर सड़क-गलियों में, ये हर्गिज लजाते हैं
________________________
*रचयिता :रवि प्रकाश*
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

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