तुम जो हमको छोड़ चले,
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तुम जो हमको छोड़ चले,
इसका नही है हमको गम |
दिल टूटा सीने में चुभन,
फिर भी नही है आंखे नम ||
हमको अब कुछ याद नहीं ,
कितने दिनों से रोए न हम |
उद्धव- हमरी- बात सुनो ,
प्रीत – करे “कृष्णा”से – हम ||
“कृष्णा”किसी का मीत नही,
दिल को चुराके दे गया गम |
रोती अंखियां थक गए हम,
प्यार हमारा होगा न कम ||