*तारों की तरह चमकना (बाल कविता)*
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तारों की तरह चमकना (बाल कविता)
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आसमान में तारे देखे
फिर माँ ने व्रत खोला
पास खड़ा चंदामामा
माँ का भाई मुँहबोला
माँ बोली “मेरे बच्चों
तारों की तरह चमकना
इतने उठो गगन को छू-लो
चलते कभी न थकना
मैं धरती, आकाश बनो तुम
मेरा इतना सपना
सब कुछ दिया तुम्हें
अब बाकी मेरा रहा न अपना ।”
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रचयिताः रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451