जाने वाले बस कदमों के निशाँ छोड़ जाते हैं
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कौन जानता है लोग क्या क्या छोड़ जाते हैं
जाने वाले बस कदमों के निशाँ छोड़ जाते हैं
जाने वाले बस………….
जिंदगी सफर है हर आदमी इस सफर पे है
सांस थम जाए जिनकी कारवाँ छोड़ जाते हैं
जाने वाले बस…………..
दौर चलते हैं महफिलों में शमाँ जलने तक
परवाने जल जाते हैं और शमाँ छोड़ जाते हैं
जाने वाले बस…………..
प्यार मोहब्बत अपनापन रखिएगा दिल में
बस यही रह जाता है जो इंसाँ छोड़ जाते हैं
जाने वाले बस…………..
कमाते रहते हैं”विनोद”जो दिन-रात दौलत
कुछ नहीं ले जाते हैं सब यहाँ छोड़ जाते हैं
जाने वाले बस…………..