जमाने की साजिशों के आगे हम मोन खड़े हैं
![](https://cdn.sahityapedia.com/images/post/0a5f213749b20c821426f561fdc734ca_4a90221442f39d91e18e78a21790df80_600.jpg)
जमाने की साजिशों के आगे हम मोन खड़े हैं
अपने हक की खातिर हम कई बार लड़े हैं !
ठोकरों से गिरने का कोई खौफ नहीं हमको
हौसले मेरे आसमानों से भी बहुत बड़े हैं . !!
कवि दीपक सरल
जमाने की साजिशों के आगे हम मोन खड़े हैं
अपने हक की खातिर हम कई बार लड़े हैं !
ठोकरों से गिरने का कोई खौफ नहीं हमको
हौसले मेरे आसमानों से भी बहुत बड़े हैं . !!
कवि दीपक सरल