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4 May 2024 · 1 min read

जब हर एक दिन को शुभ समझोगे

जब हर एक दिन को शुभ समझोगे
भाग्य प्रबल हो जाएगा

जब हर एक कर्म को सत्कर्म करोगे
भाग्य प्रबल हो जायेगा

जब जीवन को जीवन समझोगे
भाग्य प्रबल हो जायेगा

जब गैरों को अपना समझोगे
भाग्य प्रबल हो जायेगा

जब चंचल मन स्थिर होगा तब
भाग्य प्रबल हो जायेगा

जब चिंतन का सागर होगा रोशन तब
भाग्य प्रबल हो जायेगा

जब आध्यात्म की गंगा बह निकलेगी तब
भाग्य प्रबल हो जाएगा

जब प्रभु चिंतन का समंदर होगा रोशन तब
भाग्य प्रबल हो जायेगा

जब सबकी पीड़ा , तेरी पीड़ा होगी तब
भाग्य प्रबल हो जायेगा

जब सुख – दुःख में तू सम होगा तब
भाग्य प्रबल हो जायेगा

जब हर एक दिन को शुभ समझोगे
भाग्य प्रबल हो जाएगा

जब हर एक कर्म को सत्कर्म करोगे
भाग्य प्रबल हो जायेगा ||

अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम “

Language: Hindi
48 Views
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