Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Oct 2022 · 1 min read

जब भी तेरा ख़्याल आता है

नमी आंखों में साथ लाता है ।
जब भी तेरा ख़्याल आता है ।।

कुछ भी रहता नहीं है यादों में ।
वक़्त लम्हों में बीत जाता है ।।

रास्तों पर सभी तो चलते हैं ।
कौन मंज़िल को अपनी पाता है।।

देख कर ही सुकून मिलता है ।
तेरा चेहरा नज़र को भाता है ।।

नमी आंखों में साथ लाता है ।
जब भी तेरा ख़्याल आता है ।।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
15 Likes · 90 Views
Join our official announcements group on Whatsapp & get all the major updates from Sahityapedia directly on Whatsapp.
You may also like:
शायद शब्दों में भी
शायद शब्दों में भी
Dr Manju Saini
" लक्ष्य सिर्फ परमात्मा ही हैं। "
Aryan Raj
नारी शक्ति..................
नारी शक्ति..................
Surya Barman
नव संवत्सर
नव संवत्सर
Manu Vashistha
वीर तुम बढ़े चलो!
वीर तुम बढ़े चलो!
Divya Mishra
*देहातों में हैं सजग, मतदाता भरपूर (कुंडलिया)*
*देहातों में हैं सजग, मतदाता भरपूर (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
फागुन कि फुहार रफ्ता रफ्ता
फागुन कि फुहार रफ्ता रफ्ता
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
"जानो और मानो"
Dr. Kishan tandon kranti
ख्वाहिशों का टूटता हुआ मंजर....
ख्वाहिशों का टूटता हुआ मंजर....
Jyoti Khari
💐प्रेम कौतुक-477💐
💐प्रेम कौतुक-477💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
धुएं से धुआं हुई हैं अब जिंदगी
धुएं से धुआं हुई हैं अब जिंदगी
Ram Krishan Rastogi
चल सजना प्रेम की नगरी
चल सजना प्रेम की नगरी
Sunita jauhari
गीतिका-* (रामनवमी की हार्दिक शुभकामनाएँ)
गीतिका-* (रामनवमी की हार्दिक शुभकामनाएँ)
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
लौटना मुश्किल होता है
लौटना मुश्किल होता है
Saraswati Bajpai
बुद्ध ही बुद्ध
बुद्ध ही बुद्ध
Shekhar Chandra Mitra
किस्मत की लकीरों पे यूं भरोसा ना कर
किस्मत की लकीरों पे यूं भरोसा ना कर
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
■ प्रसंगवश 【मनचाहे भावार्थ】
■ प्रसंगवश 【मनचाहे भावार्थ】
*Author प्रणय प्रभात*
जल
जल
सुशील मिश्रा (क्षितिज राज)
उलझनें हैं तभी तो तंग, विवश और नीची  हैं उड़ाने,
उलझनें हैं तभी तो तंग, विवश और नीची हैं उड़ाने,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
राह
राह
Dr. Rajiv
गणतंत्र पर्व
गणतंत्र पर्व
Satish Srijan
राष्ट्र भाषा राज भाषा
राष्ट्र भाषा राज भाषा
Dinesh Gupta
दर्द ख़ामोशियों से
दर्द ख़ामोशियों से
Dr fauzia Naseem shad
छोटा सा परिवेश हमारा
छोटा सा परिवेश हमारा
Er.Navaneet R Shandily
Things to learn .
Things to learn .
Nishant prakhar
मेरा प्रेम के प्रति सम्मान
मेरा प्रेम के प्रति सम्मान
Ms.Ankit Halke jha
5 हिन्दी दोहा बिषय- विकार
5 हिन्दी दोहा बिषय- विकार
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
बहुत असमंजस में हूँ मैं
बहुत असमंजस में हूँ मैं
gurudeenverma198
तेरी मुस्कराहटों का राज क्या  है
तेरी मुस्कराहटों का राज क्या है
Anil Mishra Prahari
*कभी तो खुली किताब सी हो जिंदगी*
*कभी तो खुली किताब सी हो जिंदगी*
Shashi kala vyas
Loading...