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1 Dec 2022 · 1 min read

*जब किसी को भी नहीं बहुमत नजर में आ रहा (हिंदी गजल /गीतिका)*

*जब किसी को भी नहीं बहुमत नजर में आ रहा (हिंदी गजल /गीतिका)*
————————————————
(1)
जब किसी को भी नहीं, बहुमत नजर में आ रहा
हर विधायक का ही दिल, बल्ली उछलता जा रहा
(2)
जब सुना सरकार बनना, एक टेढ़ी खीर है
उच्च-भाव विधायकों का सूचकांक बता रहा
(3)
सरकार अब कैसे बने, हर विधायक रुष्ट है
अब खुराफाती सभी, पिकनिक दिमाग मना रहा
(4)
गिर जाएगी सरकार यह, बात वरना मान लो
मिल रहा जो भी विधायक, धौंस यह दिखला रहा
(5)
कह रहा कुछ, कर रहा कुछ, सोचता कुछ और है
देखकर नेता को गिरगिट आज है शरमा रहा
————————————————-
*रचयिता : रवि प्रकाश*
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 99 9761 5451

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