*छोड़ें मोबाइल जरा, तन को दें विश्राम (कुंडलिया)*

*छोड़ें मोबाइल जरा, तन को दें विश्राम (कुंडलिया)*
_________________________
छोड़ें मोबाइल जरा, तन को दें विश्राम
थोड़ा-सा कम लीजिए, ऑंखों से अब काम
ऑंखों से अब काम, नेत्र भारी हो जाते
उॅंगली होती जाम, अकड़ गर्दन में पाते
कहते रवि कविराय, जाल आभासी तोड़ें
सुस्ताऍं कुछ देर, तनिक मोबाइल छोड़ें
————————————–
*रचयिता : रवि प्रकाश*
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451