छुपा सच
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रह जाओगे, खुद से बेखबर,
चाहे जितना मर्जी हो सफर,
पतंग को ऊंचाई छूते देखकर,
एक हाथ डोर, रखें संभालकर,
करिश्मा हाथ में,ऐसा सोचकर,
भ्रमण करो, माहौल परख कर,
धाम या पर्यटन स्थल जांचकर,
मन हो गर,प्रकृति के दर्शन कर,
डोर हो हाथ में,गगन से बातें कर.
हवा के रुख भांप,मंजिल प्राप्त कर .