Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Mar 2017 · 1 min read

#### चेहरा तो लग रहा है ,,,,,,,,

**** गीत ****

सिवा आपके कुछ नज़र नहीं आता
जिधर देखता हूँ आप ही आप हो !!
आपकी तारीफ़ में कुछ ज़्यादा गर
कह जाऊँ, तो मेरी गुस्ताख़ी माफ़ हो !!
“”””””////””””””////
चेहरा तो लग रहा है गुलाब की तरह |
आँखें तो लग रही हैं शराब की तरह ||
सच कहता हूँ देखा नहीं है आपकी तरह —-

किस कल्पना से रब ने
है आपको बनाया |
है शुक्रिया ये रब का
आपको ज़मीं पर लाया ||
चमचम चमके बदन आपका चाँद की तरह —-
सच कहता हूँ…………….

ये मैं ना समझ पाऊँ
हकीकत में आप क्या है !
ज़न्नत की हूर हैं या
फूलों की नर्म पंखुरियां हैं
आप मेरे सामने हैं पर लगते ख़्वाब की तरह —
सच कहता हूँ…………….

किस नाम से बुलाऊँ
ये सोच मैं रहा हूँ |
दिल में तो बहुत कुछ है
लब रोक ले रहा हूँ ||
आपके हर रंग-रूप लगे आफ़ताब की तरह —
सच कहता हूँ……………

हैं कितनी नज़ाकत शोखियाँ
आप कितनी खूबसूरत हैं |
दिल को अब मैं कैसे मनाऊँ
आप मेरी हर जरूरत हैं ||
पल-पल हैं आप दमकते सबाब की तरह —-
सच कहता हूँ…………..

Language: Hindi
Tag: गीत
274 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
तुम आ जाओ एक बार.....
तुम आ जाओ एक बार.....
पूर्वार्थ
नरसिंह अवतार
नरसिंह अवतार
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
रो रो कर बोला एक पेड़
रो रो कर बोला एक पेड़
Buddha Prakash
*जिंदगी-नौका बिना पतवार है ( हिंदी गजल/गीतिका )*
*जिंदगी-नौका बिना पतवार है ( हिंदी गजल/गीतिका )*
Ravi Prakash
यादें
यादें
Dinesh Kumar Gangwar
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
चार दिन की जिंदगी
चार दिन की जिंदगी
Karuna Goswami
Ranjeet Shukla
Ranjeet Shukla
Ranjeet Kumar Shukla
श्रावणी हाइकु
श्रावणी हाइकु
Dr. Pradeep Kumar Sharma
प्रकृति
प्रकृति
Monika Verma
तारीफों में इतने मगरूर हो गए थे
तारीफों में इतने मगरूर हो गए थे
कवि दीपक बवेजा
"सैनिक की चिट्ठी"
Ekta chitrangini
गृहणी का बुद्ध
गृहणी का बुद्ध
पूनम कुमारी (आगाज ए दिल)
कोई मरहम
कोई मरहम
Dr fauzia Naseem shad
ईश्वर
ईश्वर
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
राज्यतिलक तैयारी
राज्यतिलक तैयारी
Neeraj Mishra " नीर "
पुष्प
पुष्प
Dhirendra Singh
मेघ गोरे हुए साँवरे
मेघ गोरे हुए साँवरे
Dr Archana Gupta
हुआ दमन से पार
हुआ दमन से पार
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Sidhartha Mishra
अपूर्ण नींद और किसी भी मादक वस्तु का नशा दोनों ही शरीर को अन
अपूर्ण नींद और किसी भी मादक वस्तु का नशा दोनों ही शरीर को अन
Rj Anand Prajapati
जिस दिन कविता से लोगों के,
जिस दिन कविता से लोगों के,
जगदीश शर्मा सहज
आंखो ने क्या नहीं देखा ...🙏
आंखो ने क्या नहीं देखा ...🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
ਸ਼ਿਕਵੇ ਉਹ ਵੀ ਕਰਦਾ ਰਿਹਾ
ਸ਼ਿਕਵੇ ਉਹ ਵੀ ਕਰਦਾ ਰਿਹਾ
Surinder blackpen
शिमला, मनाली, न नैनीताल देता है
शिमला, मनाली, न नैनीताल देता है
Anil Mishra Prahari
■ चाल, चेहरा और चरित्र। लगभग एक सा।।
■ चाल, चेहरा और चरित्र। लगभग एक सा।।
*प्रणय प्रभात*
Experience Life
Experience Life
Saransh Singh 'Priyam'
कतौता
कतौता
डॉ० रोहित कौशिक
मेरे हमदर्द मेरे हमराह, बने हो जब से तुम मेरे
मेरे हमदर्द मेरे हमराह, बने हो जब से तुम मेरे
gurudeenverma198
दोहा
दोहा
गुमनाम 'बाबा'
Loading...