Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Mar 2018 · 1 min read

चूँ-चूँ चूँ-चूँ आयी चिड़िया

चूँ-चूँ चूँ-चूँ आयी चिड़िया
बच्चों के मन भायी चिड़िया
चंदा मामा के घर पहुँची
खेल खिलौने लायी चिड़िया

कक्षा में बोली पढ़ लो तुम
सद्ज्ञानी सूरज बन लो तुम
मैं लायी सुंदर-सी गुड़िया
चू-चूँ चूँ-चूँ आयी चिड़िया

तुम भविष्य हो नव भारत के
शुभ सु देवता परमारथ के
गुरु जी की मुस्काई छड़िया
चूँ-चूँ चूँ-चूँ आयी चिड़िया

नायक तुम सम्पूर्ण लोक के
ज्ञान -प्रेम बनकर अशोक से
सजग दीप्ति सुखदायी बढिया
चूँ-चूँ चूँ-चूँ आयी चिड़िया

तुम सुभाष, तुम ही गाँधी हो
देश-प्रेम की तुम आँधी हो
छुआछूत की तोड़ो हड़िया
चूँ-चूँ चूँ-चूँ आयी चिड़िया

कह बृजेश तुम हिंद-भाल हो
दिव्य प्रेम की अमर चाल हो
जागो! तज आलस की पड़िया
चूँ-चूँ चूँ-चूँ आयी चिड़िया
…………………………..
●जागा हिंदुस्तान चाहिए काव्य संग्रह की रचना।
● उक्त रचना को “जागा हिंदुस्तान चाहिए” काव्य संग्रह के द्वितीय संस्करण अनुसार परिष्कृत कर दिया गया है।
● “जागा हिंदुस्तान चाहिए” काव्य संग्रह का द्वितीय संस्करण अमेजोन और फ्लिपकार्ट पर उपलब्ध है।
Pt Brijesh Nayak
(बृजेश कुमार नायक )
“जागा हिंदुस्तान चाहिए” एवं “क्रौंच सुऋषि आलोक” कृतियों के प्रणेता

2 Likes · 1 Comment · 1026 Views

Books from Pt. Brajesh Kumar Nayak

You may also like:
जो माता पिता के आंखों में आसूं लाए,
जो माता पिता के आंखों में आसूं लाए,
ओनिका सेतिया 'अनु '
पीते हैं आओ चलें , चलकर कप-भर चाय (कुंडलिया)
पीते हैं आओ चलें , चलकर कप-भर चाय (कुंडलिया)
Ravi Prakash
कांतिपति का चुनाव-रथ
कांतिपति का चुनाव-रथ
नन्दलाल सिंह 'कांतिपति'
🏄तुम ड़रो नहीं स्व जन्म करो🏋️
🏄तुम ड़रो नहीं स्व जन्म करो🏋️
Arise DGRJ (Khaimsingh Saini)
कामयाबी
कामयाबी
DR ARUN KUMAR SHASTRI
खूबसूरत बुढ़ापा
खूबसूरत बुढ़ापा
Surinder blackpen
साईं बाबा
साईं बाबा
Sidhartha Mishra
बने महब्बत में आह आँसू
बने महब्बत में आह आँसू
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
दृश्य
दृश्य
Dr. Rajiv
ग़ज़ल - ख़्वाब मेरा
ग़ज़ल - ख़्वाब मेरा
Mahendra Narayan
भोली बाला
भोली बाला
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
दुश्मनी इस तरह निभायेगा ।
दुश्मनी इस तरह निभायेगा ।
Dr fauzia Naseem shad
"बच्चों की दुनिया"
Dr Meenu Poonia
यक्ष प्रश्न
यक्ष प्रश्न
Manu Vashistha
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
संसद के नए भवन से
संसद के नए भवन से
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
सबको नित उलझाये रहता।।
सबको नित उलझाये रहता।।
Rambali Mishra
जेएनयू
जेएनयू
Shekhar Chandra Mitra
हम मुहब्बत कर रहे थे
हम मुहब्बत कर रहे थे
shabina. Naaz
कौन पंखे से बाँध देता है
कौन पंखे से बाँध देता है
Aadarsh Dubey
रात के अंधेरों से सीखा हूं मैं ।
रात के अंधेरों से सीखा हूं मैं ।
★ IPS KAMAL THAKUR ★
कवि की कल्पना
कवि की कल्पना
सुशील मिश्रा (क्षितिज राज)
💐प्रेम कौतुक-468💐
💐प्रेम कौतुक-468💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
इतनें रंगो के लोग हो गये के
इतनें रंगो के लोग हो गये के
Sonu sugandh
Wakt ko thahra kar kisi mod par ,
Wakt ko thahra kar kisi mod par ,
Sakshi Tripathi
■ हमारा ऊदल...
■ हमारा ऊदल...
*Author प्रणय प्रभात*
शुभारम्भ है
शुभारम्भ है
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
खुद को मसखरा बनाया जिसने,
खुद को मसखरा बनाया जिसने,
Satish Srijan
चल सजना प्रेम की नगरी
चल सजना प्रेम की नगरी
Sunita jauhari
शिशिर ऋतु-१
शिशिर ऋतु-१
Vishnu Prasad 'panchotiya'
Loading...