चिंगारी बन लड़ा नहीं जो
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चिंगारी बन लड़ा नहीं जो
चिंगारी बन लड़ा नहीं जो, उसने कब इतिहास लिखा है?
अंधेरों में जला नहीं जो, उससे कब प्रकाश खिला है?
किसी फूल के रसिया को, शुलों से नफरत नहीं चलेगा,
धूप छाँव पानी से बचकर, ना अड़हुल पर कुसुम खिलेगा।
ग्रीष्म मेघ वृष्टि बरखा से,जो भिड़ते गाथा रचते,
शीत ताप से जो बच रहते ,उनको कब मधुमास दिखा है?
चिंगारी बन लड़ा नहीं जो, उसने कब इतिहास लिखा है?
अजय अमिताभ सुमन