चाँद सा मुखड़ा दिखाया कीजिए
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चाँद सा मुखड़ा दिखाया कीजिए
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बात हो कुछ तो बताया कीजिए,
राज जो भी हों छुपाया कीजिए।
याद आए जब कभी जाने जिगर,
आँख से आँसू बहाया कीजिए।
झूठ से मिलता नहीं है आसरा,
जान से वादा निभाया कीजिए।
दूर देखूँ हर घड़ी खुद से तुम्हें,
पास आकर पल बिताया कीजिए।
गा रहे हैँ गीत हम तो प्यार के,
हौसला कुछ तो दिलाया कीजिए।
ताकते हैँ राह में हो कर खड़े,
चाँद सा मुखड़ा दिखाया कीजिए।
आ गई है याद मनसीरत हमें,
इश्क में यूँ मत सताया कीजिए।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)