Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 May 2023 · 1 min read

चाँद कुछ इस तरह से पास आया…

मेरी कलम से…
आनन्द कुमार

चाँद कुछ इस तरह से
पास आया
कुछ तिरछी नज़र
कुछ सामने से इतराया
मैंने पूछा हाल क्या है
कुछ ना बोला, चुप रहा
हौले-हौले बस मुस्काया…
पौधे की टहनी को
छू रही उसकी किरण
चाँदनी बन, बन गई
मेरी हमसाया…
पूछा मैंने, बार-बार आती जाती,
ठहर क्यों नहीं जाती
चाँद ने चुपके से कहा
जाती हूँ, तभी तो सूरज आता है
आख़िर उससे भी तो कोई
है दिल लगाता…

68 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ये हरियाली
ये हरियाली
TARAN SINGH VERMA
**मानव ईश्वर की अनुपम कृति है....
**मानव ईश्वर की अनुपम कृति है....
Prabhavari Jha
रण
रण
सुशील मिश्रा (क्षितिज राज)
तमाशबीन जवानी
तमाशबीन जवानी
Shekhar Chandra Mitra
योग छंद विधान और विधाएँ
योग छंद विधान और विधाएँ
Subhash Singhai
काले घने बादल ढक लेते हैँ आसमां कुछ पल के लिए,
काले घने बादल ढक लेते हैँ आसमां कुछ पल के लिए,
Dr. Rajiv
मीठा खाय जग मुआ,
मीठा खाय जग मुआ,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
तू भी तो
तू भी तो
gurudeenverma198
'वर्दी की साख'
'वर्दी की साख'
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
विचार~
विचार~
दिनेश एल० "जैहिंद"
■ दूसरा पहलू...
■ दूसरा पहलू...
*Author प्रणय प्रभात*
शर्म करो
शर्म करो
Sanjay ' शून्य'
हसद
हसद
Alok Saxena
#यदा_कदा_संवाद_मधुर, #छल_का_परिचायक।
#यदा_कदा_संवाद_मधुर, #छल_का_परिचायक।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
नया जमाना आ गया, रही सास कब खास(कुंडलिया)
नया जमाना आ गया, रही सास कब खास(कुंडलिया)
Ravi Prakash
अवावील की तरह
अवावील की तरह
abhishek rajak
✍️ओ कान्हा ✍️
✍️ओ कान्हा ✍️
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
चूड़ियाँ
चूड़ियाँ
लक्ष्मी सिंह
आधार है हिंदी
आधार है हिंदी
Dr fauzia Naseem shad
आपके आसपास
आपके आसपास
Dr.Rashmi Mishra
तोड़कर मुझे न देख
तोड़कर मुझे न देख
अरशद रसूल /Arshad Rasool
ग़ज़ल। आदमी बिसर जाएगा
ग़ज़ल। आदमी बिसर जाएगा
Abhishek Shrivastava "Shivaji"
शायरी
शायरी
श्याम सिंह बिष्ट
Daughter of Nature.
Daughter of Nature.
Taj Mohammad
💐प्रेम कौतुक-220💐
💐प्रेम कौतुक-220💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
चलो संगीत की महफ़िल सजाएं
चलो संगीत की महफ़िल सजाएं
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
सनातन सँस्कृति
सनातन सँस्कृति
Bodhisatva kastooriya
बहुत मशरूफ जमाना है
बहुत मशरूफ जमाना है
नूरफातिमा खातून नूरी
दिल के टूटने की सदाओं से वादियों को गुंजाती हैं, क्यूँकि खुशियाँ कहाँ मेरे मुक़द्दर को रास आती है।
दिल के टूटने की सदाओं से वादियों को गुंजाती हैं, क्यूँकि खुशियाँ कहाँ मेरे मुक़द्दर को रास आती है।
Manisha Manjari
एक कुआ पुराना सा.. जिसको बने बीत गया जमाना सा..
एक कुआ पुराना सा.. जिसको बने बीत गया जमाना सा..
Shubham Pandey (S P)
Loading...