*चली नदी में नाव (कुंडलिया)*

*चली नदी में नाव (कुंडलिया)*
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सदियों से प्रचलन रहा, चली नदी में नाव
बच्चे-बूढ़े बैठते, सब में रहता चाव
सब में रहता चाव, झील में नाव चलाते
नाविक ले पतवार, एक चक्कर घुमवाते
कहते रवि कविराय, रहा नाता नदियों से
जाते नदिया पार, नाव से जन सदियों से
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451