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10 Mar 2017 · 1 min read

” गुलाल है ,धमाल है ,कहिये क्या -ख़याल है ” !!

रंगों की महफिल ,
डूबे डूबे से हैं !
सब अपने लगते ,
रंग अजूबे से हैं !
रंग उड़ाया ऐसा –
मची धमाल है !!

भारी है हुड़दंग ,
मस्ती यहाँ वहां !
अब परवाह किसे ,
कोई गुमाँ कहाँ !
खुशियां काँधे चढ़ी –
करे सवाल है !!

तुमको रंगना है ,
अब गहरे रंग से !
दूजा रंग चढ़े ना ,
प्रीत बढ़े ढंग से !
दुनिया बढ़ी अजूबी –
रोज़ बवाल है !!

Language: Hindi
Tag: गीत
562 Views

Books from भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "

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