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5 Jun 2023 · 1 min read

गुलदस्ता नहीं

गुलदस्ता नहीं
बाग बनाओ जीवन को

चह- चह करती
चिड़िया जिसमें
प्रातःखिलती
कलियाँ उसमें
एक नया फिर
राग बनाओ जीवन को

सर्दी के संग
गर्मी झेले
सीने पर
ओले भी लेले
काम पड़े तो
आग बनाओ जीवन को

लोहा जैसे
काटे लोहा
बने प्रदूषण
उम्र का दोहा
साँसों का वह
भाग बनाओ जीवन को

.

1 Like · 324 Views
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