Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Sep 2022 · 1 min read

ग़लतफ़हमी है हमको हम उजाले कर रहे हैं

ग़ज़ल
ग़लतफ़हमी है हमको हम उजाले कर रहे हैं
सुख़न के नाम पर बस सफ़हे काले कर रहे हैं

सफ़र की मुश्किलें कुछ तो दिखाना भी है लाज़िम
सो रस्मन पाँव में हम ख़ुद ही छाले कर रहे हैं

हमें है भूख जीने की नहीं है पास रोटी
सो हम अब अपनी साँसों को निवाले कर रहे हैं

नहीं होंगे नसीब आँखों को अब कोई नज़ारे
सो हम आँखों को ख़्वाबों के हवाले कर रहे हैं

मेरे मशहूर करने में नहीं कुछ हाथ मेरा
कि मेरा नाम रौशन जलने वाले कर रहे हैं

हवाओं से लड़ेंगे देखना कब तक ये दीये
इन्हें हम ओट देकर तो जियाले कर रहे हैं

‘अनीस’ अब उनकी बातों पर भला क्या कान देना
सियासतदान है मस्जिद-शिवाले, … कर रहे हैं
अनीस शाह ‘अनीस’

Language: Hindi
2 Likes · 78 Views

Books from Anis Shah

You may also like:
कैसा दौर आ गया है ज़ालिम इस सरकार में।
कैसा दौर आ गया है ज़ालिम इस सरकार में।
Dr. ADITYA BHARTI
दोहे
दोहे
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
आओ नया निर्माण करें
आओ नया निर्माण करें
Vishnu Prasad 'panchotiya'
हारो कभी न धैर्य को ,रखो सदा विश्वास (कुंडलिया)
हारो कभी न धैर्य को ,रखो सदा विश्वास (कुंडलिया)
Ravi Prakash
जिंदा है धर्म स्त्री से ही
जिंदा है धर्म स्त्री से ही
श्याम सिंह बिष्ट
#drarunkumarshastriblogger
#drarunkumarshastriblogger
DR ARUN KUMAR SHASTRI
प्रेम
प्रेम
Bodhisatva kastooriya
कभी जब देखोगी तुम
कभी जब देखोगी तुम
gurudeenverma198
चिट्ठी   तेरे   नाम   की, पढ़ लेना सरकार।
चिट्ठी तेरे नाम की, पढ़ लेना सरकार।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
छतें बुढापा, बचपन आँगन
छतें बुढापा, बचपन आँगन
*Author प्रणय प्रभात*
परवाज़ की कोशिश
परवाज़ की कोशिश
Shekhar Chandra Mitra
तुम्हें नमन है अमर शहीदों
तुम्हें नमन है अमर शहीदों
लालबहादुर चौरसिया 'लाल'
मानव छंद , विधान और विधाएं
मानव छंद , विधान और विधाएं
Subhash Singhai
पुत्र एवं जननी
पुत्र एवं जननी
रिपुदमन झा "पिनाकी"
हे देश के जवानों !
हे देश के जवानों !
Buddha Prakash
तुम  में  और  हम  में
तुम में और हम में
shabina. Naaz
Choose yourself in every situation .
Choose yourself in every situation .
Sakshi Tripathi
Helping hands🙌 are..
Helping hands🙌 are..
Vandana maurya
*जीवन जीने की कला*
*जीवन जीने की कला*
Shashi kala vyas
💐प्रेम कौतुक-427💐
💐प्रेम कौतुक-427💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
शादी होते पापड़ ई बेलल जाला
शादी होते पापड़ ई बेलल जाला
आकाश महेशपुरी
ठंडा - वंडा,  काफ़ी - वाफी
ठंडा - वंडा, काफ़ी - वाफी
सिद्धार्थ गोरखपुरी
दिल में उम्मीदों का चराग़ लिए
दिल में उम्मीदों का चराग़ लिए
_सुलेखा.
मुझे तरक्की की तरफ मुड़ने दो,
मुझे तरक्की की तरफ मुड़ने दो,
Satish Srijan
परिस्थितियां अनुकूल हो या प्रतिकूल  ! दोनों ही स्थितियों में
परिस्थितियां अनुकूल हो या प्रतिकूल ! दोनों ही स्थितियों में
तरुण सिंह पवार
समय बहुत है,
समय बहुत है,
Parvat Singh Rajput
कुछ मुझको लिखा होता
कुछ मुझको लिखा होता
Dr fauzia Naseem shad
#सुप्रभात
#सुप्रभात
आर.एस. 'प्रीतम'
The OCD Psychologist
The OCD Psychologist
मोहित शर्मा ज़हन
खतरनाक होता है
खतरनाक होता है
Kavi praveen charan
Loading...