Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Jan 2023 · 1 min read

* ग़ज़ल * ( ताजमहल बनाते रहना )

* ग़ज़ल *( ताजमहल बनाते रहना )

किताब ए इश्क़ का हर्फ़ बन जाऊँ मैं ।
रोज़ अपने लबों पर… सजाते रहना ।।

मैंने खायी है… क़सम रूठ जाने की ।
तुम शाम ओ सहर मुझे मनाते रहना ।।

ये मरासिम तो दिल से दिल का है ।
बेशर्त इसे… ताउम्र निभाते रहना ।।

जीते जी करना.. भले ही बेवफ़ाई मुझसे ।
बाद रूख़सती के ताजमहल बनाते रहना ।।

बिजलियाँ हिज्र की गिर जाये मुझ पर ‘ काज़ी ‘ ।
ख़्वाब वस्ल के… इन आँखों को दिखाते रहना ।।

©डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
©काज़ीकीक़लम

28/3/2 , अहिल्या पल्टन , इंदौर , मध्यप्रदेश
भ्रमणभाष – 6260232309

Language: Hindi
Tag: ग़ज़ल
1 Like · 1 Comment · 84 Views
You may also like:
ओ परदेसी तेरे गांव ने बुलाया,
ओ परदेसी तेरे गांव ने बुलाया,
अनूप अम्बर
गीतिका...
गीतिका...
डॉ.सीमा अग्रवाल
हाइकु:-(राम-रावण युद्ध)
हाइकु:-(राम-रावण युद्ध)
Prabhudayal Raniwal
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Rashmi Sanjay
पालनहार
पालनहार
Buddha Prakash
सफलता
सफलता
Ankita Patel
गुरुवर बहुत उपकार है
गुरुवर बहुत उपकार है
Ravi Yadav
तल्ख
तल्ख
shabina. Naaz
गुमूस्सेर्वी
गुमूस्सेर्वी "Gümüşservi "- One of the most beautiful words of...
अमित कुमार
चिलचिलती धूप
चिलचिलती धूप
Nishant prakhar
💐Prodigy Love-37💐
💐Prodigy Love-37💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
मुक्तक
मुक्तक
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
श्री राजा राम राज्य रामायण
श्री राजा राम राज्य रामायण
अरविन्द व्यास
ये छुटपुट कोहरा छिपा नही सकता आफ़ताब को
ये छुटपुट कोहरा छिपा नही सकता आफ़ताब को
'अशांत' शेखर
2234.
2234.
Khedu Bharti "Satyesh"
"मैं आज़ाद हो गया"
Lohit Tamta
*धूप (कुंडलिया)*
*धूप (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
दूर जाकर सिर्फ यादें दे गया।
दूर जाकर सिर्फ यादें दे गया।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
तेजस्वी यादव
तेजस्वी यादव
Shekhar Chandra Mitra
जन्मों के प्यार का इंतजार
जन्मों के प्यार का इंतजार
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
वक़्त पर तू अगर वक़्त का
वक़्त पर तू अगर वक़्त का
Dr fauzia Naseem shad
सवाल सिर्फ आँखों में बचे थे, जुबान तो खामोश हो चली थी, साँसों में बेबसी का संगीत था, धड़कने बर्फ़ सी जमीं थी।
सवाल सिर्फ आँखों में बचे थे, जुबान तो खामोश हो...
Manisha Manjari
" वट वृक्ष सा स्पैक्ट्रम "
Dr Meenu Poonia
बाजा दाँत बजा रहे,ढपली ठिठुरे गात
बाजा दाँत बजा रहे,ढपली ठिठुरे गात
Dr Archana Gupta
"मैं अपनी धुन में चला
*Author प्रणय प्रभात*
भय
भय
Shyam Sundar Subramanian
कन्या पूजन
कन्या पूजन
Ashish Kumar
मुक्त परिंदे पुस्तक समीक्षा
मुक्त परिंदे पुस्तक समीक्षा
लालबहादुर चौरसिया 'लाल'
आंधियों से हम बुझे तो क्या दिए रोशन करेंगे
आंधियों से हम बुझे तो क्या दिए रोशन करेंगे
कवि दीपक बवेजा
कारवां गुजर गया फ़िज़ाओं का,
कारवां गुजर गया फ़िज़ाओं का,
Satish Srijan
Loading...