गल्तफ़हमी है की जहाँ सूना हो जाएगा,
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गल्तफ़हमी है की जहाँ सूना हो जाएगा,
रात के बाद सूरज तो, फिर भी आएगा|
कुछ दिन रहेगा बियाबान, दरख़्त जरूर,
फिर….नए पंछियों का बसेरा हो जाएगा|
बिखेर देना हर शाम तुम छत पर दाने,
फिर घर पर कबूतरों का डेरा हो जाएगा|
लोग रखते हैं वास्ता सिर्फ मतलब तक,
फिर कौन तेरा..? कौन मेरा हो जाएगा.?
दुनिया बिकती है _जाना, दौलत के आगे,
भावनाओं का कोई मोल नही रह जाएगा|