Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Mar 2017 · 1 min read

(((( गणतंत्र ))))

[[[ गणतंत्र ]]]

डा० भीम राव अाम्बेडकर
रचयिता भारती-संविधान के ||
राष्ट्रपति डा० राजेंद्र प्रसाद
संरक्षक रहे इस विधान के ||

महात्मा गाँधी की छत्रछाया में
सन् २६ जनवरी १९५० ई• को ||
चाचा नेहरू के शासन काल में
सम्मान मिला इस संविधान को ||

भारत फिर गणतंत्र-गणराज
कहलाया दुनिया की नजरों में ||
जनता हेतु जनता का शासन
तब शुरू हुआ इन जनतंत्रों में ||

गणतंत्र माने जनता का राज,
संविधान माने है सम समाज ||
जनता राजा हों राजा सेवक,,
यही है गणतंत्र का आगाज़ ||

कर्तव्य हमारा अब इतना है
कि इसकी हम मर्यादा बना रखें ||
जब तक तन में जान शेष है
इसकी आन-बान-शान जगा रखें ||

=================
#दिनेश एल० ” जैहिंद”
26. 01. 2017

Language: Hindi
Tag: कविता
261 Views

Books from दिनेश एल० "जैहिंद"

You may also like:
कलम
कलम
Sushil chauhan
किस्सा मशहूर है जमाने में मेरा
किस्सा मशहूर है जमाने में मेरा
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
सिद्ध है
सिद्ध है
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
तेरी दहलीज पर झुकता हुआ सर लगता है
तेरी दहलीज पर झुकता हुआ सर लगता है
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
सपनों को अपनी सांसों में रखो
सपनों को अपनी सांसों में रखो
Ankit Halke jha
गुमान किस बात का
गुमान किस बात का
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
*अकेलेपन की साथी, पुस्तकें हैं मित्र कहलातीं【मुक्तक】*
*अकेलेपन की साथी, पुस्तकें हैं मित्र कहलातीं【मुक्तक】*
Ravi Prakash
सब्र रख
सब्र रख
VINOD KUMAR CHAUHAN
कर्मण्य के प्रेरक विचार
कर्मण्य के प्रेरक विचार
Shyam Pandey
कृतज्ञता
कृतज्ञता
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
हाइकु
हाइकु
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
::: प्यासी निगाहें :::
::: प्यासी निगाहें :::
MSW Sunil SainiCENA
🙏माता शैलपुत्री🙏
🙏माता शैलपुत्री🙏
पंकज कुमार कर्ण
तय करो किस ओर हो तुम
तय करो किस ओर हो तुम
Shekhar Chandra Mitra
दुर्योधन कब मिट पाया :भाग:41
दुर्योधन कब मिट पाया :भाग:41
AJAY AMITABH SUMAN
★क़त्ल ★
★क़त्ल ★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
सिलसिला
सिलसिला
Shyam Sundar Subramanian
💐प्रेम कौतुक-376💐
💐प्रेम कौतुक-376💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
Sharminda kyu hai mujhse tu aye jindagi,
Sharminda kyu hai mujhse tu aye jindagi,
Sakshi Tripathi
■ धिक्कार है...
■ धिक्कार है...
*Author प्रणय प्रभात*
नस-नस में रस पूरता, आया फागुन मास।
नस-नस में रस पूरता, आया फागुन मास।
डॉ.सीमा अग्रवाल
एक प्रश्न
एक प्रश्न
komalagrawal750
होली
होली
सूरज राम आदित्य (Suraj Ram Aditya)
अगर एक बार तुम आ जाते
अगर एक बार तुम आ जाते
Ram Krishan Rastogi
यूँ ही
यूँ ही
Satish Srijan
चम-चम चमके, गोरी गलिया, मिल खेले, सब सखियाँ
चम-चम चमके, गोरी गलिया, मिल खेले, सब सखियाँ
Er.Navaneet R Shandily
"मेरा मन"
Dr Meenu Poonia
एक ठहरा ये जमाना
एक ठहरा ये जमाना
Varun Singh Gautam
सियासत
सियासत
Anoop Kumar Mayank
! ! बेटी की विदाई ! !
! ! बेटी की विदाई ! !
Surya Barman
Loading...