*खाते नहीं जलेबियॉं, जिनको डायबिटीज (हास्य कुंडलिया)*
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खाते नहीं जलेबियॉं, जिनको डायबिटीज (हास्य कुंडलिया)
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खाते नहीं जलेबियॉं, जिनको डायबिटीज
कहते हैं मन मार कर, अच्छी तनिक न चीज
अच्छी तनिक न चीज, गर्म जब सम्मुख आतीं
मन पर तब कब जोर, चार-छह खा ली जातीं
कहते रवि कविराय, छुपे रुस्तम कहलाते
जिन को डायबिटीज, जलेबी छुपकर खाते
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451